नोएडा के सुपरटेक ट्विन टॉवर जल्द होंगे ध्वस्त

नोएडा स्तिथ सुपरटेक ट्विन टावर 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे  ध्वस्त कर  दिए जाएंगे। भारत अब तक की सबसे बड़ी इमारत के ध्वस्तीकरण का साक्षी बनेगा।

सुपरटेक ट्विन टावर कहाँ स्थित हैं?

सुपरटेक ट्विन टावर – एपेक्स और सेयेन – एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत बने दो 32 और 30 मंजिला टावर हैं। यह नोएडा के सेक्टर 93 ए में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर खड़े हैं। दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचे यह टावर लगभग 7.5 लाख वर्ग फुट के क्षेत्र में बने हैं। एपेक्स टॉवर 102 मीटर और सियेन 95 मीटर ऊँचा है। इन दोनों टावरों में 900 से अधिक फ्लैट हैं। ये टावर भारत में ध्वस्त किये गए अब तक की सबसे ऊँची ईमारत बन जायेंगे।

सुपरटेक ट्विन टावर को क्यों तोड़ा जा रहा है?

बिल्डिंग कोड के गंभीर उल्लंघन के कारण सुपरटेक ट्विन टावरों को तोड़ा जा रहा है। 

यह भ्रस्टाचार, बिल्डर की मनमानी और बिल्डिंग निर्माण नियमों के उल्लंघन की गाथा है। नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक ने मिलीभगत से इमारतों के बीच की दूरी के मानदंडों के उल्लंघन कर इन ट्विन टावर्स का निर्माण किया गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2014 में ही इन टॉवरों को तोड़ने का आदेश दिया था। एक लम्बी न्यायिक लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक कंपनी को नोएडा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में अपने खर्च पर इमारतों को ध्वस्त करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार टावरों का निर्माण भवन नियमों और अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन के बिना किया गया था।

नोएडा ट्विन टावर्स का विध्वंस कब होगा?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में 28 अगस्त रविवार दोपहर 2.30 बजे 40 मंजिला इमारत को धराशायी किया जायेगा। कई रिपोर्टों के अनुसार ट्विन टावरों को गिराने में लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक विस्फोटक, जनशक्ति और उपकरणों की आवश्यकता होती है ।

ध्वस्तीकरण कैसे होगा और कौन है इसके प्रभारी

मुंबई स्थित एडिफाइस इंजीनियरिंग (Edifice Engineering) और उनकी दक्षिण अफ्रीकी पार्टनर फर्म जेट डिमोलिशन (Jet Demolition) को सुपरटेक ट्विन टावरों को धराशायी करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है।

ट्विन टावरों को गिराने का काम वाटरफॉल इम्प्लोजन तकनीक के जरिए किया जाएगा, जो उन्हें ताश के पत्तों की तरह कुछ ही सेकंड में नीचे गिरा देगा। सुपरटेक ट्विन टावर्स के ब्लास्ट के लिए ग्रीन बटन दबाने वाले भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता होंगे। सीरीज विस्फोट में पूरी इमारत 9 सेकेंड के भीतर धराशायी हो जाएगी।

60 से अधिक लोग विध्वंस प्रक्रिया में शामिल होंगे, जिसमें दक्षिण अफ्रीका स्थित जेट डिमोलिशन के सात इंजीनियर शामिल हैं, एडिफिस इंजीनियरिंग के छह इंजीनियर और 10 स्थानीय भारतीय ब्लास्टर होंगे और बाकी हेल्पर होंगे।

इमारतों को गिराने का मुख्य काम प्राथमिक मंजिलों का होगा – एपेक्स में 11 और सियान में 10, जो पूरी तरह से चार्ज हो चुके हैं। माध्यमिक मंजिलें विध्वंस को एक दिशा देंगी – ताकि टावर एक झरने के झरने की तरह अपनी छाप में नीचे आ जाएं।

इमारत में लगभग 3,700 किलोग्राम विस्फोटक डाला गया है। इमारतों में 9,400 से अधिक चार्जिंग होल ड्रिल किए गए हैं, क्रमिक विस्फोट के लिए एक विलंबित डेटोनेटर भी रखा गया है। प्रत्येक छेद में, विस्फोटकों की मात्रा 250 ग्राम से 1 किग्रा तक होती है।

दोनों बिल्डिंग के गिरने से 35 हजार क्यूबिक मीटर मलबा निकलेगा। इसमें से 6,000 से 7,000 क्यूबिक मीटर ट्विन टावरों के बेसमेंट में इकट्ठा होंगे। इसको साफ करने में कम से कम तीन महीने लगेंगे।

28 अगस्त को विध्वंस स्थल पर केवल 10 श्रमिक ही रहेंगे। इनमें दो भारतीय ब्लास्टर और एडिफिस के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता और इसके दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञ पार्टनर जेट डिमोलिशन के सात सदस्य शामिल होंगे।

टावर को तोड़े जाने में 20 करोड़ का खर्च आ रहा है। आयोजन के दौरान किसी भी तरह के नुकसान के लिए 100 करोड़ रुपये का बीमा भी लिया गया है।

डेमोलिशन के दिन निवासियों की निकासी और सुरक्षा की क्या व्यवस्था है?

28 अगस्त के दिन विध्वंस स्थल के चौतरफ 500 मीटर क्षेत्र के रेडियस को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। नियत दिन पर ट्विन टावरों के निकटवर्ती क्षेत्र में लोगों, वाहनों और जानवरों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

कुछ निवासी सुपरटेक ट्विन टावर से सिर्फ नौ मीटर की दूरी पर स्थित टावरों में रहते हैं। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने आसपास के अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स, एटीएस ग्रीन्स विलेज और एमराल्ड कोर्ट के निवासियों को रविवार सुबह तक खाली करने का निर्देश दिया है। एमराल्ड कोर्ट में 15 टावर और एटीएस विलेज में करीब 25 टावर और चार विला हैं।

इन सोइटियों मेके 5,000 से अधिक निवासी 28 अगस्त को एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटियों को खाली कर देंगे। निवासियों को सुबह 7.30 बजे तक परिसर खाली करना होगा और शाम 4 बजे के बाद केवल एडिफिस से सुरक्षा मंजूरी के साथ वापस आ सकते हैं।

इन दो हाउसिंग सोसाइटियों के निवासियों के लगभग 1,200 वाहनों को भी इस अवधि के लिए परिसर से हटाया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर मल्टीलेवल पार्किंग सुविधा में उनके लिए जगह उपलब्ध कराएगा। मेट्रो स्टेशन पर पार्किंग एक बार में 5,000 से अधिक वाहनों को आसानी से समायोजित कर सकती है।

मलबे का उड़ना एक प्रमुख चिंता का विषय है, और इसे रोकने के लिए, ब्लास्टिंग क्षेत्र को लोहे की जाली की चार परतों और कंबल की दो परतों से ढक दिया गया है।आस-पास की इमारतों को धूल और मलबे से बचाने के लिए की तीन परतों से ढका गया – जाल, जिओटेक्सटाइल के पर्दे लगाए गए हैं । 

ट्रैफिक डायवर्जन और सावधानियां

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, जो ट्विन टावरों के करीब है, 28 अगस्त को दोपहर 2.15 बजे से दोपहर 2.45 बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहेगा। रविवार को गूगल मैप्स में डायवर्जन और रीयल-टाइम ट्रैफिक स्थितियों के लिए अपडेट फीड होंगे।

आपातकालीन वाहनों की आवाजाही के लिए भी व्यवस्था की गई है।

आपातकालीन सेवाओं के लिए आवश्यक फायर टेंडर और एंबुलेंस पार्क के पीछे बनी सड़क पर ट्विन टावरों के सामने खड़ी की जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों और दवाओं से लैस छह एम्बुलेंस साइट पर तैनात करेगा। जिला अस्पताल और यथार्थ, फेलिक्स और जेपी में निजी चिकित्सा सुविधाओं में बिस्तर आरक्षित किए गए हैं।

हवाई क्षेत्र भी बंद

विस्फोटों के कारण उत्पन्न होने वाली भारी मात्रा में धूल के कारण, सुपरटेक ट्विन टावरों के आसपास का लगभग 2 किमी का हवाई क्षेत्र भी कुछ समय के लिए उड़ानों के लिए अनुपलब्ध रहेगा। ड्रोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध 26 अगस्त से लागू हुआ और 31 अगस्त तक लागू रहेगा।


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नोएडा डायरी – रेडिस्कवर नोएडा विद अज़

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